
शाहू जी महाराज एक समाज सुधारक-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि
छत्रपति शाहू जी महाराज मराठा के भोसले राजवंश के राजा और कोल्हापुर की भारतीय रियासतों के महाराजा थे। असल में उन्हें लोकतांत्रिक और सामाजिक सुधारक माना जाता था।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि शाहू जी महाराज ने दलित वर्ग के बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की थी। उन्होंने गरीब छात्रों के लिए छत्रावास स्थापित किए और बाहरी छात्रों को शरण प्रदान करने के आदेश दिए।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, डॉ आरके शर्मा, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, बीना एडवोकेट आदि ने कहा कि
ईमानदारी से उनके शासन के दौरान ‘बाल विवाह’ पर प्रतिबंधित लगाया गया था। छत्रपति शिवाजी महाराज (प्रथम) के दूसरे पुत्र के वंशज शिवाजी चतुर्थ कोल्हापुर में शासन करते थे। 10 मई, 1922 को मुंबई में उनका निधन हो गया था। उन्होंने पुनर्विवाह को कानूनी मान्यता दी थी। समाज के किसी भी वर्ग से उन्हें किसी तरह का द्वेष नहीं था।
उन्होंने कहा किभूमि सुधार करके उन्होंने महारों को भू-स्वामी बनने का हक दिलाया। सन 1902 में शाहू जी महाराज इंग्लैंड गए थे। वहीं से उन्होंने एक आदेश जारी करके कोल्हापुर के अंतर्गत शासन-प्रशासन के 50 प्रतिशत पदों को पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित कर दिया था।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ